दोनों सदनों में पास हुआ महिला आरक्षण विधेयक
महिला सांसदों ने जताई खुशी
विधेयक के पारित होने पर बताया ऐतिहासिक क्षण
सभी दलों की सहमति
नई दिल्ली। देश की राजनीति पर व्यापक असर डालने की क्षमता वाले ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक’ को संसद ने गुरुवार को मंजूरी दे दी जिसमें संसद के निचले सदन और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है, राज्यसभा ने इससे संबंधित ‘संविधान (एक सौ
अट्ठाईसवां संशोधन) विधेयक, 2023′ को करीब 10 घंटे की चर्चा के बाद सर्वसम्मति से अपनी स्वीकृति दी। विधेयक के पक्ष में 214 सदस्यों ने मतदान किया, विधेयक के पारित होने के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में मौजूद थे सदन ने विपक्ष द्वारा पेश किए गए विभिन्न संशोधनों को ध्वनिमत से खारिज कर दिया, लोकसभा इसे बुधवार को ही पारित कर चुकी थी।
2029 में 33 प्रतिशत महिलाएं सांसद होंगी
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि 2029 में लोकसभा में 33 प्रतिशत महिलाओं की मौजूदगी निश्चित रूप से सुनिश्चित होगी, राज्यसभा में महिला आरक्षण विधेयक पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए नड्डा ने कहा कि महिलाओं के लिए एक तिहाई आरक्षण सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार ने जो रास्ता चुना है, वह सबसे छोटा और सही रास्ता है, विपक्षी दलों द्वारा विधेयक को अभी ही लागू किए जाने की मांग का उल्लेख करते हुए नड्डा ने कहा कि कुछ संवैधानिक व्यवस्थाएं होती हैं, सरकारों को संवैधानिक तरीके से काम करना होता है। इसके लिए दो चीजें आवश्यक हैं, पहला जनगणना और फिर न्यायिक निकाय के माध्यम से जन सुनवाई, सीट निकाली जाए, नंबर निकाला जाए और उसको निकालने के बाद उसको आगे बढ़ाया जाए।
सरकार हर फैसला नहीं कर सकती
जेपी नड्डा ने कहा – आखिर हमें महिलाओं को आरक्षण मुहैया कराना है, किस सीट पर आरक्षण मिले, किस सीट पर ना मिले, इसका फैसला कौन करेगा? इसका फैसला सरकार नहीं कर सकती है, यह फैसला एक न्यायिक निकाय करती है, उसका गठन करना होता है।