गांधीनगर। बीजेपी ने गुजरात से राज्यसभा की दो सीटों के लिए बाबू भाई देसाई और केसरीदेव सिंह झाला को उम्मीदवार बनाया है। पार्टी की तरफ राज्यसभा की उम्मीदवारी तय किए जाने के बाद दोनों नेताओं ने गांधीनगर स्थित विट्ठलभाई विधानसभा भवन के तीसरी मंजिल पर पहुंचकर अपना नामांकन भरा। इस मौके पर राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल मौजूद रहे। गुजरात की राज्यसभा की तीन सीटों के चुनाव का कार्यक्रम पिछले दिनों घोषित हुआ था। इन सीटों के मौजूदा सदस्यों का कार्यकाल अगले महीने खत्म हो रहा है। बीजेपी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को गुजरात से रिपीट किया तो वहीं दो अन्य सीटों पर बदलाव करते हुए बाबूभाई जेसंगभाई देसाई और केसरीदेव सिंह झाला को उम्मीदवार बनाया है। राज्य सभा चुनावों में लिए चल रहे संभावित नामों में इन दोनों नेताओं का नाम दूर-दूर तक नहीं था। बीजेपी ने दोपहर 12 बजे कुछ मिनट पहले उम्मीदवारी घोषित की। इसके बाद दोपहर दो बजे के करीब दोनों नेताओं ने अपना नामांकन दाखिल किया।
निर्विरोध निर्वाचन तय
गुजरात की राज्यसभा की तीनों सीटों पर बीजेपी के उम्मीदवारों की जीत तय है। इस सभी उम्मीदवारों का निर्विरोध निर्वाचन होगा। कांग्रेस ने इस चुनाव में कोई प्रत्याशी नहीं उतारा है। विधानसभा में अपने संख्याबल को देखते हुए कांग्रेस ने पहले ही मैदान छोड़ दिया था। पिछले साल नवंबर-दिसंबर महीने में विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने 182 सदस्यों वाली विधानसभा में 156 सीटों पर जीत हासिल की थी। कांग्रेस को 17 और आम आदमी पार्टी को सिर्फ 5 सीटें मिली थी। एक सीट पर समाजवादी पार्टी से लड़े कांधल जाडेजा विजयी रहे थे, 3 सीटें निर्दलियों को मिली थीं। तीनों निर्दलीय सरकार को समर्थन दे रहे हैं। ऐसे में सरकार विधानसभा में संख्याबल 159 है।
नए चेहरों को दिया मौका
बीजेपी ने राज्यसभा के चुनाव में गुजरात से विदेश मंत्री एस जयशंकर को जहां रिपीट किया है तो वहीं दो सीटों पर नए चेहरों को मौका दिया है। ओबीसी समुदाय से आने वाले बाबू भाई देसाई एक बार विधायक रह चुके हैं। वे 2007 में बनासकांठा के कांकरेज सीट से जीते थे। बाबू भाई देसाई को टिकट देकर बीजेपी एक साथ कई चुनावी समीकरण साधने की कोशिश है। तो वहीं तीसरी सीट पर बांकानेर राजघराने से आने वाले
केसरीदेव सिंह झाला को टिकट दिया है। वे सौराष्ट्र से ताल्लुक रखते हैं। पीएम मोदी केसरीदेव सिंह झाला की शादी में भी पहुंचे थे। पीएम मोदी के इस राजवी परिवार से निजी रिश्ते रहे हैं। तो वहीं केसरीदेव सिंह झाला सामाजिक कार्यों के साथ बीजेपी से जुड़कर सक्रिय थे।
पेश से बिल्डर हैं बाबू भाई देसाई
बाबूभाई देसाई को राज्यसभा भेजकर बीजेपी ने राज्य के पशुपालक रबारी समाज एवं ओबीसी वर्ग में एक अच्छा संदेश दिया है।
बाबू भाई धार्मिक प्रवृत्ति के व्यक्ति हैं ऐसे में उनकी उम्मीदवारी से पार्टी को लगता है कि ओवरऑल अच्छा मैसेज जाएगा। इस सब के अलावा बाबू भाई देसाई खुद एक बार बनासकांठा जिले की कांकरेज में जीतकर विधायक रह चुके हैं। यह सीट पाटन लोकसभा में आती है। अभी इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा है। ऐसे में पार्टी ने कांकरेज के पूर्व एमएलए को मौका देकर उत्तर गुजरात की पाटन लोकसभा सीट में चुनावी समीकरण को साधा है।
धार्मिक कार्यों में है रूचि
देसाई की धार्मिक आयोजनों में काफी रुचि है। उन्होंने पिछले दिनों बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र शास्त्री से मुलाकात की थी और आशीर्वाद लिया था। इससे पहले देसाई तुलसी विवाह, रमेशभाई ओझा की भगवत कथा, भोजन प्रसाद, महा विष्णु यज्ञ, रामरोटी अन्नक्षेत्र के लिए दान, द्वारकाधीश मंदिर की मूर्ति का स्वर्ण और रजत सिंहासन, 9 दिवसीय पायलट बाबा यज्ञ, 108 जैसे कई धार्मिक आयोजनों के लिए दान और मेजबानी कर चुके हैं। द्वारकाधीश मंदिर ध्वजा चढ़ाने में भी देसाई आगे हैं। इसके अलावा देसाई ने गौ शाला और मंदिरों के निर्माण के लिए भी दान दिया है। गुजरात में देसाई विशेष रूप से द्वारकाधीश मंदिर के लिए अपनी भक्ति और दान के लिए प्रसिद्ध हैं।
इंदिरा गांधी की सरकार में मंत्री थे पिता, भाजपा ने इन्हें गुजरात से बनाया राज्यसभा उम्मीदवार
भाजपा ने गुजरात से राज्यसभा उम्मीदवार के रूप में केसरीदेव सिंह झाला की घोषणा की है। 5 नवम्बर 1982 को जन्मे झाला सौराष्ट्र के तत्कालीन वांकानेर रियासत के दिग्विजयसिंह झाला के पुत्र हैं।
41 साल के झाला भाजपा के वांकानेर तहसील पंचायत व जिला पंचायत के प्रभारी के साथ-साथ राजकोट और मोरबी जिला भाजपा के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं। वर्ष 2011 में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी और विभिन्न पूर्व राज परिवारों की उपस्थिति में झाला को भाजपा में शामिल किया गया था।
दादा, चाचा, मामा भी रह चुके हैं विधायक-सांसद
झाला के दादा प्रतापसिंह 1952 में वांकानेर के विधायक चुने गए वहीं उनके पिता दिग्विजय सिंह 1962 और 1967 में यहीं से दो बार विधायक रहे। इसके बाद वे 1980 से लगातार दो बार कांग्रेस की टिकट पर सुरेन्द्रनगर लोकसभा सीट से चुने गए। वे इंदिरा गांधी के मंत्रिमंडल में मंत्री रहे। उन्हें भारत का पहला पर्यावरण मंत्री बताया जाता है।
वे अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के वर्षों तक अध्यक्ष रहे। झाला के चाचा जनकदेवसिंह झाला भी 1975 में यहां से विधायक चुने गए। उनके मामा अजय सिंह केन्द्र की वी पी सिंह सरकार में रेल मंत्री थे। झाला ने 2012 और 2017 के विधानसभा चुनाव में वाकांनेर विधानसभा सीट से टिकट मांगा था। उन्हें नए काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्घाटन में आमंत्रित किया गया था।उनकी प्राथमिक शिक्षा विद्याभारती एजुकेशन ट्रस्ट संचालित स्कूल और नई दिल्ली के मॉ़ड़र्न स्कूल में हुई। महाराष्ट्र के पंचगनी के न्यू एरा हाई स्कूल में उच्च शिक्षा ली। ब्रिटेन के यॉर्कशायर के यूनिवर्सिटी ऑफ हडर्सफील्ड से टूरिज्म व लेजर मैनेजमेंट में डिग्री प्राप्त कर चुके झाला विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों से जुड़े हैं। वांकानेर चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज एसोसिएशन से जुड़े झाला वांकानेर में स्पोर्ट्स एकेडमी के चेयरमैन रह चुके हैं।
गुजरात में 3 सीटों पर चुनाव
गुजरात से राज्यसभा की 11 सीट में से वर्तमान में 8 पर भाजपा और बाकी पर कांग्रेस का कब्जा है। बीजेपी के पास जो 8 सीट हैं, उनमें से एस जयशंकर, जुगलजी ठाकोर और दिनेश अनावाडिया का कार्यकाल 18 अगस्त को समाप्त हो जाएगा। इन तीन सीट के लिए ही चुनाव होना है। हालांकि विदेश मंत्री एस जयशंकर पहले ही नामांकन दाखिल कर चुके हैं।