आइजोल। जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) के अध्यक्ष लालदुहोमा ने शुक्रवार को मिजोरम की राजधानी आईजोल में राजभवन में आयोजित एक समारोह में राज्य के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति ने राजभवन में लालदुहोमा को मुख्यमंत्री और सात कैबिनेट रैंक और चार राज्य मंत्रियों सहित 11 अन्य मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
मिजोरम की नई जेडपीएम सरकार के 12 सदस्यीय मंत्रिमंडल में लालरिनपुई अकेली महिला मंत्री हैं। 12 मंत्रियों में से सात पहली बार जीते हैं। शुक्रवार को शपथ लेने वाले अन्य मंत्रियों में कैबिनेट मंत्री रैंक में के. सपडांगा, वनलालह्लाना, सी. लालसाविवुंगा, लालथनसांगा, डॉ. वनलालथलाना, पी.सी. वनलालरुआता, लालरिनपुई और राज्य मंत्री रैंक में एफ. रोडिंगलियाना, बी. लालछनज़ोवा, प्रो. लालनिलावमा और लालनघिंगलोवा हमर शामिल हैं।
शपथ ग्रहण समारोह में निवर्तमान मुख्यमंत्री और मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के नेता और पूर्व सीएम जोरमथंगा, पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता लाल थनहावला, कई राजनीतिक नेता, नवनिर्वाचित विधायक, वरिष्ठ नागरिक और सुरक्षा अधिकारी और कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
इससे पहले मंगलवार को नवनिर्वाचित विधायकों द्वारा पूर्व आईपीएस अधिकारी से नेता बने लालदुहोमा को जेडपीएम विधायक दल का नेता और पार्टी के वरिष्ठ नेता के. सपडांगा को उपनेता चुना गया। जेडपीएम को 2019 में ही एक राजनीतिक दल के रूप में पंजीकृत किया गया था। उसे 7 नवंबर को हुए चुनाव में 40 सदस्यीय विधानसभा में 27 सीटें मिली। चार साल पुरानी पार्टी को 2018 के चुनावों में आठ सीटें मिलीं थी, जब उसके उम्मीदवारों ने निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा था।
कौन हैं जोरम पीपुल्स मूवमेंट के नेता लालदुहोमा
लालदुहोमा एक पूर्व आईपीएस अधिकारी हैं। जो पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की सिक्योरिटी संभाल चुके हैं। अभी राहुल गांधी की संसद सदस्यता गई थी तो लालदुहोमा एक बार फिर चर्चा में आ गए थे।
दरअसल, लालदुहोमा ने 1984 में मिजोरम से कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा सीट जीती थी। बाद में उनका राज्य कांग्रेस के नेताओं से मतभेद हो गया और उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया। वे 1988 में दल-बदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य घोषित होने वाले पहले लोकसभा सांसद बने। 2018 में लालदुहोमा ने आइजोल पश्चिम- I और सेरछिप से निर्दलीय चुनाव जीता।
40 में से 27 सीटों पर जीती ZPM
बता दें कि मिजोरम की 40 विधानसभा सीटों के लिए सात नवंबर को मतदान हुआ था। वहीं 4 दिसंबर को सभी सीटों पर हुए , की मतगणना की गई। इसमें ZPM को 40 में से 27 सीटों पर जीत मिली। वहीं, जोरमथांगा के नेतृत्व वाले मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) को 10 सीटें मिलीं, जबकि भाजपा ने दो सीट और कांग्रेस ने एक सीट जीती है।