नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने 4 दिसंबर से संसद का शीतकालीन सत्र बुलाया है, जो 22 दिसंबर तक चलेगा। 19 दिन तक चलने वाले इस सत्र में 15 बैठकें आयोजित की जाएगी। इस बात की जानकारी केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने गुरुवार (9 नवंबर) को दी।
19 दिन में 15 बैठकें
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया कि सरकार 4 दिसंबर से 22 दिसंबर तक चलने वाले शीतकालीन सत्र में 15 बैठकें आयोजित करेगी। अमृत काल के बीच सत्र के दौरान विधायी कामकाज और अन्य विषयों पर चर्चा का इंतजार है। सूत्रों के मुताबिक सरकार इस बैठक के दौरान कई अहम बिल पेश कर सकती है, इसमें भारतीय दंड संहिता से जुड़े बिल भी पेश हो सकते है।
इन विधेयकों पर हो सकती है चर्चा
मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से संबंधित विधेयक पर चर्चा होने की संभावना है। इस विधेयक के मुताबिक, मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों का दर्जे को कैबिनेट सचिव के बराबर होने का प्रावधान है। फिलहाल उन्हें सुप्रीम कोर्ट के जज के बराबर का दर्जा मिलता है। वहीं, इस विधेयक का विरोध करते हुए विपक्षी दल कह रहे हैं कि सरकार संस्थानों पर कब्जा करना चाहती है।
नवंबर के तीसरे सप्ताह में शुरू होता है शीतकालीन सत्र
शीतकालीन सत्र वैसे ज्यादातर समय नवंबर के तीसरे सप्ताह में शुरू हो जाता है, लेकिन माना जा रहा कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के कारण ऐसा नहीं हुआ है। ये सत्र ऐसे समय होगा जब कि मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना के विधानसभा चुनाव का परिणाम 3 दिसंबर को आ चुका होगा।