गांधीनगर। गुजरात विधानसभा का मानसून सत्र 13 सितम्बर से प्रारंभ होगा। तीन दिनों तक चलने वाले इस सत्र में सात विधेयक के पेश होने की संभावना है। सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू विधानसभा को संबोधित करेंगी। वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वन नेशन-वन एप्लीकेशन पहल के तहत गुजरात विधानसभा में नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन के क्रियान्वयन प्रोजेक्ट का भी लोकार्पण करेंगी। इसके तहत गुजरात विधानसभा का पूरा कामकाज पेपरलेस होगा। इस प्रोजेक्ट को पूरा कर लिया है। मुख्यमंत्री से लेकर सभी विधायकों को इसकी ट्रेनिंग भी दी जा चुकी है। राष्ट्रपति मुर्मू 12 सितंबर को अहमदाबाद पहुंचेंगी।
गुजरात विधानसभा के सचिव डी एम पटेल ने बताया कि गुजरात विधानसभा के अध्यक्ष शंकर चौधरी ने राष्ट्रपति मुर्मू से 15वीं गुजरात विधानसभा के तीसरे सत्र में नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन को लागू करने वाले प्रोजेक्ट का लोकार्पण करने और सत्र को संबोधित करने को आमंत्रित किया था। जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है। वे पहली बार गुजरात विधानसभा के सत्र को संबोधित करेंगी।
कॉमन यूनिवर्सिटी एक्ट विधेयक हो सकता है पेशमानसून सत्र में विधायक डिजिटल ही अपने सवाल पूछेंगे और उसके जवाब प्राप्त करेंगे। इस सत्र में सात विधेयक पेश हो सकते हैं। इन विधेयकों में कॉमन यूनिवर्सिटी विधेयक शामिल है, जिसका उद्देश्य सरकारी विश्वविद्यालयों के कामकाज को और बेहतर बनाना है। स्थानीय निकायों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 27 फीसदी आरक्षण लागू करने के लिए विधेयक भी पेश किया जाएगा। सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर संबंंधित व्यक्ति की संपत्ति को तोड़ने के प्रावधान संबंधी विधेयक को भी सत्र में पेश किए जाने की संभावना है। कई राज्य इसे लागू कर चुके हैं। कर एकत्रीकरण को मजबूत करने के लिए जीएसटी संशोधन विधेयक भी पेश किया जा सकता है। चिल्ड्रन यूनिवर्सिटी की स्थापना से संबंधित विधेयक, गुजरात इलेक्टि्रसिटी सेक्टर के लिए नियम, पावागढ़-चाम्पानेर हेरिटेज साइट से संबंधित नियम एवं कृषि विश्वविद्यालय में सुधार से संबंधित विधेयक हो सरकार पेश कर सकती है।
टेबलेट से दर्ज हो सकेगी हाजिरी, दे सकेंगे वोट
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि विधानसभा का मानसून सत्र पूरी तरह से डिजिटल और पेपरलेस सत्र होगा। विधायकों को टेबलेट्स मुहैया कराए जाएंगे। विधानसभा की पूरी कार्यवाही के साथ जुड़ी हुई सभी बातों को नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन में शामिल किया गया है। जिससे विधायक टेबलेट पर ऑनलाइन ही उनकी सभी जानकारियां प्राप्त कर सकेंगे। सदन में आने वाले प्रस्तावों पर विधायक अपना मंतव्य और वोट दे सकेंगे। इतना ही नहीं उनकी सदन में हाजिरी भी टेबलेट के जरिए इस एप्लीकेशन के माध्यम से दर्ज करा सकेंगे।