नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) अध्यक्ष नितिन गुप्ता की सर्विस को आज नौ महीने के लिए और बढ़ा दिया। आज नितिन गुप्ता रिटायर होने वाले थे और आज ही सरकार ने “कॉन्ट्रैक्ट बेसिस” के आधार पर उनकी सर्विस को बढ़ाया है।
पिछले साल बने थे सीबीडीटी के अध्यक्ष
आयकर विभाग के 1986 बैच के भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) अधिकारी नितिन गुप्ता (60) को पिछले साल जून में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) प्रमुख नियुक्त किया गया था। वो आज 30 सितंबर को सेवानिवृत्त होने वाले थे।
अब 30 जून तक रहेगी सर्विस
सरकार की ओर से जारी आदेश के मुताबिक कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने 1.10.2023 से 30.06.2024 तक या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, अनुबंध के आधार पर गुप्ता को सीबीडीटी अध्यक्ष के रूप में फिर से नियुक्त करने की मंजूरी दे दी है। पुनर्नियुक्त केंद्र सरकार के अधिकारियों पर लागू सामान्य नियमों और शर्तों पर भर्ती नियमों में छूट दी गई है।
जानिए क्या है सीबीडीटी?
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) आयकर विभाग के माध्यम से प्रत्यक्ष करों से संबंधित कानूनों के प्रशासन की जिम्मेदारी वाला प्राधिकरण है। भारत में, नीति और योजना के लिए आवश्यक इनपुट सीबीडीटी द्वारा प्रदान किए जाते हैं।
सीबीडीटी आयकर विभाग के लिए शीर्ष नीति-निर्धारक निकाय है। इसका एक अध्यक्ष होता है और इसमें छह सदस्य हो सकते हैं जो विशेष सचिव स्तर के होते हैं।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड केंद्रीय राजस्व बोर्ड अधिनियम, 1963 के तहत कार्य करने वाला एक वैधानिक प्राधिकरण है। बोर्ड के अधिकारी अपनी पदेन क्षमता में मंत्रालय के एक प्रभाग के रूप में भी कार्य करते हैं जो प्रत्यक्ष कर लगाने और संग्रह से संबंधित मामलों से निपटता है।