नई दिल्ली। विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना की शुरुआत की। इससे पहले उन्होंने इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर ‘यशोभूमि’ के पहले चरण को राष्ट्र को समर्पित किया और दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस लाइन पर द्वारका सेक्टर 21 से सेक्टर 25 तक के विस्तार का भी उद्घाटन किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना का उद्देश्य न केवल देशभर के ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों के कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक रूप से समर्थन देना है, बल्कि स्थानीय उत्पादों, कला और शिल्प के माध्यम से सदियों पुरानी परंपरा, संस्कृति तथा विविध विरासत को जीवित और समृद्ध रखना भी है। ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ में 18 पारंपरिक शिल्प-कलाओं को शामिल किया गया है।
‘विश्वकर्मा’ योजना से कारीगरों और शिल्पकारों को होगा फायदा
‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना का उद्देश्य न केवल देशभर के ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों के कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक रूप से समर्थन देना है, बल्कि स्थानीय उत्पादों, कला और शिल्प के माध्यम से सदियों पुरानी परंपरा, संस्कृति तथा विविध विरासत को जीवित और समृद्ध रखना भी है. ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ में 18 पारंपरिक शिल्प-कलाओं को शामिल किया गया है।
पीएम ने यशोभूमि के पहले चरण को राष्ट्र को किया समर्पित
पीएम ने अपने जन्म दिन पर यशोभूमि के पहले चरण को राष्ट्र को किया समर्पित।इस दौरान यशोभूमि पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री ने इस केंद्र का मुआयना भी किया। ‘यशोभूमि’ में विश्व-स्तरीय बैठक, सम्मेलन और प्रदर्शनियों की मेजबानी की जा सकेगी। यह दुनिया के सबसे बड़े सम्मेलन और प्रदर्शनी सुविधा स्थलों में से एक है। करीब 73,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में बने कन्वेंशन सेंटर में 15 कन्वेंशन रूम हैं। इनमें मुख्य सभागार, भव्य बॉलरूम और 11,000 प्रतिनिधियों के बैठने की कुल क्षमता वाले 13 बैठक कक्ष शामिल हैं। कन्वेंशन सेंटर में देश का सबसे बड़ा एलईडी मीडिया स्क्रीन है। इसके मुख्य सभागार में करीब छह हजार लोगों के बैठने की क्षमता है।