माननीय राज्यपाल आचार्य देवव्रत तथा मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल के करकमलों से श्री परिमल नथवाणी लिखित पुस्तक ‘एकमेव… धीरूभाई अंबाणी’ का अनावरण किया गया
अपने सेवा कार्यों से कीर्ति, सम्मान व प्रतिष्ठा प्राप्त करने वाले धीरूभाई अंबाणी आज निधन के 21 वर्षों के बाद भी मानस पटल पर छाए हुए हैं : श्री आचार्य देवव्रत
-: मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल :-
- रिलायंस ग्रुप वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट के प्रारंभ से ही सक्रिय भागीदार रहा है
- ‘एकमेव धीरूभाई अंबाणी’ पुरुषार्थ के आगे प्रारब्ध को भी झुकना पड़े की प्रतीति कराने वाली पुस्तक
- लोगों का जीवन स्तर सरल बनाने व देश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए धीरूभाई आजीवन संकल्पबद्ध रहे
- गुजरात को उद्योग-व्यापार क्षेत्र में विश्व में गौरव दिलाने वाले एक गुजराती के रूप में धीरूभाई अंबाणी दिशादर्शक बने हैं
गांधीनगर। राज्यपाल श्री आचार्य देवव्रत तथा मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने राज्यसभा के सांसद तथा रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड के कॉर्पोरेट मामलों के निदेशक श्री परिमल नथवाणी द्वारा तीन भाषाओं में लिखित पुस्तक ‘एकमेव धीरूभाई अंबाणी’ का सोमवार को अनावरण किया।
राज्यपाल ने अनावरण समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि भारत की आर्थिक उन्नति में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले महानायक श्री धीरूभाई अंबाणी की पथदर्शक बातों को समाविष्ट करने वाली यह पुस्तक युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।
मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की काव्य पंक्तियों ‘प्रारब्धने अहीं गांठे कोण, हुं पडकार झीलनारो माणस छुं (प्रारब्ध को यहाँ कौन मानता है, मैं चुनौतियाँ झेलने वाला व्यक्ति हूँ)’ का उल्लेख करते हुए कहा कि यह पुस्तक पुरुषार्थ के आगे प्रारब्ध को भी झुकना पड़े की प्रतीति कराती है।
गांधीनगर स्थित राजभवन में आयोजित एक समारोह में श्री परिमल नथवाणी द्वारा गुजराती तथा हिन्दी भाषा में लिखित पुस्तक ‘एकमेव… धीरूभाई अंबाणी’ तथा अंग्रेज़ी में लिखित पुस्तक ‘वन एंड ऑन्ली… धीरूभाई अंबाणी’ का लोकार्पण किया। नवभारत पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक का अनावरण करने से पहले राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि अपने सेवा कार्यों से कीर्ति, मान-सम्मान तथा प्रतिष्ठा प्राप्त करने वाले श्री धीरूभाई अंबाणी आज अपने निधन के 21 वर्षों के बाद भी मानस पटल पर छाए हुए हैं।
उन्होंने कहा कि श्री धीरूभाई अंबाणी महापुरुषों की श्रृंखला का ऐसा नाम हैं, जिन्होंने इस देश को आर्थिक उन्नति दिलाई। श्री अंबाणी आने वाली पीढ़ियों के लिए रोज़गार के विपुल अवसर सृजित कर देश को आत्मनिर्भरता की दिशा में ले गए।
मानवता की भलाई, लोक कल्याण, राष्ट्रोत्थान तथा दीन-हीन की सहायता के लिए आजीवन प्रयत्नशील रहे श्री अंबाणी का जीवन सार्थक रहा है। उन्होंने कहा कि सौराष्ट्र के एक छोटे से गाँव में साधारण परिवार में जन्मे श्री अंबाणी ने इच्छा व आकांक्षाओं से ज़िंदादिली भरा जीवन जीकर दिखाया। श्री अंबाणी की छोटी से छोटी गतिविधि से जुड़े रहे श्री नथवाणी ने इस ग्रंथ में प्रामाणिकता पूर्वक कई प्रमाणित घटनाओं को आलेखित किया है।
राज्यपाल ने कहा कि श्री अंबाणी ने जिस प्रकार एक पोस्टकार्ड साधारण से साधारण इंसान की पहुँच में होता है, उसी प्रकार मोबाइल फोन, जो एक ज़माने में प्रतिष्ठा का मापदंड कहलाता था, उसे साधारण से साधारण नागरिक की पहुँच में लाया। उन्हों असंभव को संभव करना आता था।
श्री अंबाणी ने समस्याओं को सीढ़ी बना कर प्रगति की है, आत्मबल से ज़ुनून के साथ कार्य किया है, संघर्ष किया है। राज्यपाल ने कहा कि ऐसे प्रेरणादायी व्यक्ति के जीवन चरित्र की पुस्तक पढ़ कर अनेक लोगों को प्रेरणा मिलेगी तथा आने वाली पीढ़ियों के कल्याण का मार्ग प्रशस्त होगा।
मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने ‘एकमेव… धीरूभाई अंबाणी’ पुस्तक के अनावरण अवसर पर कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी देश के युवाओं को हमेशा धीरूभाई अंबाणी की भाँति साहसी बन कर राष्ट्र सेवा करने के लिए प्रेरणा देते हैं तथा स्टार्टअप के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
श्री पटेल ने श्री मोदी की काव्य पंक्ति ‘प्रारब्धने अहीं गांठे कोण, हुं पडकार झीलनारो माणस छुं (प्रारब्ध को यहाँ कौन मानता है, मैं चुनौतियाँ झेलने वाला व्यक्ति हूँ)’ का उल्लेख करते हुए कहा कि यह पुस्तक पुरुषार्थ के आगे प्रारब्ध को भी झुकाने पड़े की प्रतीति कराती है।
मुख्यमंत्री ने वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट को 20 वर्ष पूर्ण होने के विषय में कहा कि इस समिट के प्रारंभ से ही रिलायंस समूह सक्रिय भागीदार रहा है। उद्योग का कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है, जिसमें धीरूभाई का योगदान न हो। धीरूभाई लोगों के जीवन स्तर को सरल बनाने तथा देश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए आजीवन संकल्पबद्ध रहे।
उन्होंने धीरूभाई के संघर्ष का वर्णन करते हुए कहा कि धीरूभाई द्वारा देखे गए सपनों को साकार करने की लगन उनकी जीवन यात्रा में सामान्य बात थी। उनके पास उद्योग स्थापित करने के लिए शुरू में भले ही कोई ख़ास पूंजी नहीं थी, परंतु उनमें हिमालय जितनी ऊँची इच्छाएँ पूर्ण करने की लगन थी। धीरूभाई अंबाणी एक गुजराती के रूप में गुजरात को व्यापर-उद्योग क्षेत्र में विश्व में गौरव दिलाने वाले के रूप में दिशादर्शक बने हैं। उनके इस योगदान को ध्यान में रख कर वर्ष 2016 में उन्हें मरणोपरांत पद्मविभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
इस अवसर पर गृह राज्य मंत्री श्री हर्ष संघवी ने कहा कि ‘एकमेव… धीरूभाई अंबाणी’ पुस्तक से नई पीढ़ी को विज़नरी उद्योगपति श्री धीरूभाई अंबाणी के संघर्ष की जानकारी मिलेगी। धीरूभाई द्वारा दिया गया नारा ‘कर लो दुनिया मुट्ठी में’ सबने सुना होगा, परंतु यह दुनिया किस प्रकार मुट्ठी में हुई, उसकी संघर्ष गाथा इस पुस्तक में है।
उन्होंने कहा कि इस पुस्तक इन बातों का उल्लेख है कि धीरूभाई ने जीवन में आने वाली समस्याओं के विरुद्ध किस प्रकार संघर्ष कर सफलता प्राप्त की तथा वे किस तरह लाखों लोगों के जीवन में परिवर्तन लाए।
रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड के चेयरमैन व मैनेजिंग डाइरेक्टर श्री मुकेश डी. अंबाणी ने इस पुस्तक की प्रस्तावना लिखी है। इस पुस्तक में धीरूभाई के निधन के बाद समय-समय पर परिमल नथवाणी द्वारा धीरूभाई के विषय में विभिन्न अख़बारों में आदि लिखे गए लेखों का संग्रह भी है।
श्री नथवाणी ने काफ़ी लम्बे समय तक रिलायंस समूह के संस्थापक अध्यक्ष श्री धीरूभाई अंबाणी के साथ बहुत ही निकटता के साथ कार्य किया था। श्री नथवाणी श्री धीरूभाई अंबाणी के साथ अपने कार्यकाल के दौरान उनकी विचारधारा, कार्य करने की पद्धति, संबंध बनाए रखने की कुशलता, व्यावसायिक दूरदर्शिता, कार्य के प्रति प्रतिबद्धता, नया जानने व सोचने की आकांक्षा, नई टेक्नोलॉजी तथा युवाओं पर विश्वास आदि से बहुत ही प्रभावित हुए थे।
इस पुस्तक में श्री नथवाणी ने श्री धीरूभाई के साथ अपने अनुभवों को शाब्दिक स्वरूप दिया है। श्री धीरूभाई अंबाणी के व्यक्तित्व के एक विचारक, एक उद्यमी, एक स्वप्नदृष्टा, परिवार के मुखिया, एक रोलमॉडल आदि के रूप में विभिन्न पहलुओं को पुस्तक में सही ढंग से शामिल किया गया है।
इस अवसर पर अपने प्रतिभाव व्यक्त करते हुए पुस्तक के लेखक श्री परिमल नथवाणी ने कहा, “श्री धीरूभाई के साथ मेरा नाता जगजाहिर है। फलस्वरूप इस पुस्तक की सामग्री में मेरे आदर्श पुरुष श्री धीरूभाई अंबाणी का मेरे मन पर पड़ा प्रभाव, मेरे अवलोकन तथा मुझे हुई अनुभूति आदि प्रतिबिंबित हुई और यह स्वाभाविक भी है।”
इस पुस्तक की प्रस्तावना में श्री मुकेश डी. अंबाणी ने लिखा है, “परिमलभाई ने मेरे पिता के साथ उनके संबंधों तथा मेरे पिता की जीवनशैली का आलेखन करते हुए अनेक प्रसंगों को याद रख कर उन्हें इस पुस्तक में शामिल किया है और लगता है कि यह पुस्तक लोगों को पढ़ना पसंद आएगी, प्रेरणादायी बनेगी। इसके लिए मुझे परिमलभाई को धन्यवाद देना है। मेरे पिता के विषय में इस पुस्तक में बहुत कुछ लिखा गया है। अंबाणी परिवार तथा रिलायंस औद्योगिक गृह की सूक्ष्मातिसूक्ष्म घटनाओं का समन्वय इस पुस्तक में है, जो मुझे लगता है कि परिमलभाई के अलावा और कोई समाविष्ट न कर पाता।”
इस अवसर पर मंत्री सर्वश्री राघवजीभाई पटेल, मुळूभाई बेरा, सांसद सर्वश्री पूनमबेन माडम, राजेश चुडासमा, विधायक श्री शैलेष मेहता, विभिन्न औद्योगिक गृहों के प्रमुख, राज्य के मुख्य सचिव श्री राज कुमार, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री के. कैलाशनाथन, वरिष्ठ अधिकारी, प्रतिनिधि, महानुभाव सहित गणमान्य लोग उपस्थित रहे।