सूरत। गुजरात की एक अदालत ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को ‘मोदी उपनाम’ संबंधी टिप्पणी को लेकर आपराधिक मानहानि के मामले में दोषी ठहराया, उन्हें 2 साल तक की सजा दी जा सकती है। बता दें कि ये मामला 2019 का है जब राहुल गांधी ने आम चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में आयोजित जनसभा में पीएम मोदी के सरनेम को लेकर टिप्प्णी करते हुए कहा था कि, ‘क्यों सभी चोरों का समान उपनाम मोदी ही होता है?’ राहुल की इस टिप्पणी के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पुरनेश मोदी ने याचिका दायर कराई थी।
इससे पहले गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के (जीपीसीसी) अध्यक्ष जगदीश ठाकोर, पार्टी विधायक दल के नेता अमित चावड़ा, वरिष्ठ नेता अर्जुन मोढवाडिया और अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) की गुजरात इकाई के प्रभारी रघु शर्मा सहित कई वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी के स्वागत के लिए सूरत हवाई अड्डे पहुंचे। गांधी के प्रति समर्थन जताने के लिए बड़ी संख्या में पार्टी पदाधिकारी शहर के विभिन्न स्थानों पर एकत्र हुए।
उन्होंने पोस्टर थाम रखे थे, जिन पर शेर-ए-हिंदुस्तान और भाजपा की तानाशाही के आगे कांग्रेस नहीं झुकेगी’ लिखा थ। राहुल गांधी के खिलाफ यह मामला उनकी उस टिप्पणी को लेकर दर्ज किया गया है, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था, क्यों सभी चोरों का समान उपनाम मोदी ही होता है?
राहुल गांधी की इस टिप्पणी के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता एवं विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने शिकायत दर्ज कराई थी। वायनाड से लोकसभा सदस्य गांधी ने यह कथित टिप्पणी 2019 के आम चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में आयोजित जनसभा में की थी। राहुल गांधी के वकील किरीट पानवाला ने बताया कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एच एच वर्मा की अदालत ने पिछले सप्ताह दोनों पक्षों की दलीलों की अंतिम सुनवाई की थी और फैसला सुनाने के लिए 23 मार्च की तारीख तय की थी।
यह मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 (मानहानि) के तहत दर्ज किया गया था। राहुल गांधी अपना बयान दर्ज कराने के लिए अक्टूबर 2021 में सूरत की अदालत में पेश हुए थे। अर्जुन मोढवाडिया ने कहा, सत्य की परीक्षा होती है और उसे परेशान किया जाता है, लेकिन सत्य की ही जीत होती है। गांधी के खिलाफ कई झूठे मामले दर्ज किए गए हैं, लेकिन वह इन सबसे बाहर निकलेंगे। हमें न्याय मिलेगा।