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Monday, December 23, 2024

स्पर्श महोत्सव में समग्र भारत से आए हुए 250 से अधिक गौशालाओं के ट्रस्टियों को सम्मानित कर 5 करोड़ रुपए का अनुदान दिया गया

अहमदाबाद। मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने अहमदाबाद में आयोजित स्पर्श महोत्सव में गुरुवार को संबोधन करते हुए कहा कि अहमदाबाद की धरती पर पद्मभूषण आचार्यश्री विजयरत्न सुंदर सूरिश्वरजी महाराज की 400वीं पुस्तक के विमोचन अवसर पर आयोजित स्पर्श महोत्सव में उपस्थित रहने का अवसर मिलना उनके लिए सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। ऐसे में इस समय को सही अर्थ में अमृतकाल बनाने हेतु महाराज साहब की पुस्तकें उपयोगी बनेंगी। मुख्यमंत्री ने सद्वचनों के महत्व को समझाते हुए कहा कि हम सब भौतिकता की ओर आगे बढ़ रहे हैं, तब भौतिकता का सदुपयोग किस प्रकार से हो, इस हेतु आचार्य श्री विजयरत्न सुंदर सूरिश्वरजी की पुस्तकें अति उपयोगी बनेंगी।
उल्लेखनीय है कि अहमदाबाद के GMDC ग्राउन्ड में आयोजित स्पर्श महोत्सव 22 जनवरी तक चलेगा। अब तक 400 पुस्तकों तथा प्रवचनों के माध्यम से समाज में अपनी अलग पहचान बनाने वाले आचार्य विजयरत्न सुंदर सूरिश्वरजी के ज्ञान का आनंद लेने हेतु हज़ारों आगंतुक इस महोत्सव में आएंगे। साथ ही साथ यहाँ प्रतिदिन अनेक सामाजिक-आध्यात्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इस उपलक्ष्य पर देश भर की लगभग 250 गौशालाओं को 5 करोड़ रुपए का अनुदान दिया गया है।
स्पर्श महोत्सव में सेवा की भावना की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जीवन में आगे बढ़ने हेतु सद्कार्यों तथा धर्मकार्यों को करने हेतु अध्यात्म का स्पर्श अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हम जीवन में चाहे कितनी ही तेज़ी से आगे बढ़ें, लेकिन सच्ची दिशा बनाए रखने के लिए हमें साधु-भगवंतों की वाणी का स्पर्श बनाए रखना चाहिए। मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के छोटे से छोटे तथा अंतिम छोर के मानव को मुख्य धारा में जोड़ने के प्रयास में समग्र सरकार को साधु-भगवंतों का आशीर्वाद मिलेगा।

इस अवसर पर उपस्थित केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कहा कि ऐसे महोत्सव में प्राचीन परम्परा तथा आधुनिक प्रौद्योगिकी के समन्वय से समाज को संस्कारित करने का कार्य हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आत्मनिर्भर भारत तथा 5 ट्रिलियन इकोनॉमी बनाने का लक्ष्य है। ऐसे में समाज एवं राष्ट्र निर्माण के लिए विज़न के साथ-साथ संस्कार भी आवश्यक है, जो कार्य स्पर्श जैसे महोत्सवों के माध्यम से होता है।

श्री गडकरी ने स्पर्श महोत्सव में भारतीय उत्सव परम्परा का महिमागान करते हुए कहा कि समाज को जीवन जीने की नई दृष्टि प्रदान करने के उद्देश्य के साथ भारत में प्राचीन काल से उत्सवों की परम्परा है। आज महोत्सव द्वारा प्राचीन परम्परा तथा आधुनिक प्रौद्योगिकी के समन्वय से समाज निर्माण का कार्य हो रहा है, जो प्रशंसनीय है। संस्कृत उक्ति का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि आप किसी को आँखों का दान कर सकते हैं, परंतु दृष्टि (विज़न) नहीं दिया जा सकता है। समाज निर्माण की दीर्घदृष्टि अध्यात्म द्वारा ही प्राप्त होती है।
स्वामी विवेकानंद के सुप्रसिद्ध वचन का उल्लेख करते हुए केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री ने कहा कि जिस प्रकार आकाश से बरसने वाला पानी नदियों के माध्यम से समुद्र से मिलता है, उसी प्रकार हमारा अध्यात्म हमें साधना-भक्ति के विभिन्न मार्गों के माध्यम से भगवान के निकट पहुँचाता है। मूल्यनिष्ठ समाज की रचना हमारी संस्कृति की नींव में है। भगवान के अवतार, संत, शास्त्र; इन सभी के द्वारा अब तक जीवन निर्माण का प्रयास होता आया है। उन्होंने शुभ प्रार्थना की कि इसी दिशा में प्रयासरत सरकार को निर्धन, शोषित, पीड़ित की सेवा करने का साहस मिले तथा सबका जीवन उन्नत बने।


उल्लेखनीय है कि पद्मभूषण आचार्य श्री विजयरत्न सुंदर सूरिश्वरजी की 400वीं पुस्तक की भव्य शोभायात्रा के बाद विमोचन होने वाला है। ऐसे में गुरुवार को आयोजित समारोह में एलिसब्रिज क्षेत्र के विधायक श्री अमितभाई शाह तथा अन्य आमंत्रित अतिथि एवं जैन अनुयायी उपस्थित रहे।

जैन समाज के अग्रणी एवं समाज सेवी राजेश रांका पद्मभूषण आचार्य श्री विजयरत्न सुंदर सूरिश्वरजी महाराज साहब से आशीर्वाद प्राप्त किया।

द्वारा – राजेश रांका (भामाशाह टाइम्स)

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