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Monday, December 23, 2024

विश्व की सबसे ऊंची 369 फीट ऊंची शिव प्रतिमा – प्रसिद्ध कथावाचक मोरारी बापू के हाथों लोकार्पण, सीएम अशोक गहलोत ने किया जलाभिषेक!

निराकारमोंकारमूलं तुरीयं। गिरा ग्यान गोतीतमीशं गिरीशं। करालं महाकाल कालं कृपालं। गुणागार संसारपारं नतोऽहं।

भगवान शिव जो विश्वास का स्वरूप है, उसका आज लोकार्पण नहीं बल्कि विश्वार्पण हुआ है। यह प्रतिमा श्रद्धा की उंचाईयां है, किसी स्पर्द्धा की नही है। यह प्रतिमा भगवान शिव की प्रतिभावत प्रतिमा है। विश्वास स्वरूप शिव की ही प्रेरणा है कि नौ दिवसीय रामकथा के माध्यम से इस प्रतिमा का विश्वार्पण हुआ है और हम सब इसके साक्षी है। – मुरारी बापू

नाथद्वारा। राष्ट्रीय संत मुरारी बापू ने शनिवार को मानस विश्वास स्वरूपम् के प्रथम दिन व्यासपीठ से भये प्रकट कृपाला का उच्चारण करते हुए इस मौके पर कहा कि हालांकि यह पंक्तियां भगवान राम के लिए प्रयुक्त हुई है लेकिन यहां यह पंक्तियां भगवान शिव के लिए प्रयोग करना चाहूंगा। बापू ने कहा कि यहां निमित्त और निर्मित दोनों महादेव है। विश्वनाथ यहां भूमि से नही बल्कि आसमान से उतरे है और इसकी सबसे ज्यादा खुशी व्यासपीठ को है।

उन्होंने कहा कि इस प्रतिमा के केन्द्र में विश्वास स्वरूप है। गुरू की कृपा एवं दृष्टि से इसमें 12 स्वरूपों के दर्शन होते है। उन्होंने कहा कि यहां श्रीनाथ से मिलने के लिए विश्वनाथ आये है, रसराज से मिलने के लिए नटराज आये है। गिरिराज धारी यहां विराजित है और गंगाधारी मिलने आये हैं।

पंच देवों की सनातन परंपराओं में वंदना

मुरारी बापू ने व्यासपीठ से कहा कि सनातन वैदिक परंपराओं में गणेश, सूर्य, विष्णु, शिव व पार्वती पंच देवों की वंदना की परम्परा रही है। भगवान गणेश की पूजा करते हुए हमें अपना विवेक बनायें रखना है। विवेक तत्व को समझने के लिए सत्संग की महत्ती आवश्यकता है। सूर्य की पूजा के लिए युवाओं को ज्ञान के उजाले में रहना चाहिए। नारायण की पूजा के लिए हद्य की विशालता को धारण करते हुए समस्त विपरितता, विषमताओं एवं विरोधों को दिल में रखना चाहिए। मां दुर्गा श्रद्धा का प्रतीक है और हमे अंध श्रद्धावान से बचना चाहिए।

सभी का गुरू त्रिभुवन

संत कृपा सनातन संस्थान के टस्टी मदन पालीवाल ने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में कहा कि सबका अपना अपना गुरू होता है और सभी का विश्वास भी अलग अलग होता है, लेकिन सभी का गुरू त्रिभुवन होता है और भगवान शिव विश्वास का स्वरूप है। उन्होंने कहा कि मैं प्रवृत्ति के मार्ग पर नहीं बल्कि निवृत्ति के मार्ग पर हूं। उन्होंने स्मरण को याद करते हुए कहा कि वे पहली बार 7 नवम्बर 1986 को ”आइये हनुमंत विराजिये कथा” को सुनने गये थे तथा तभी से कौतुक से देख रहा हूं और बापू से यही आशीर्वाद चाहता हूं कि जन्म जन्मातर तक यही कौतुक देखता रहूं।

बापू की हर कथा एक संदेश देती है : गहलोत

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस मौके पर कहा कि मुरारी बापू की हर कथा एक संदेश देती है। रामकथा प्रेम एवं भाईचारे का संदेश देती है, जिसकी आज आवश्यकता है। मुरारी बापू एवं मदन पालीवाल का रिश्ता तर्क से परे है। मदन पालीवाल 36 वर्षों से बापू की न सिर्फ अनोखी सेवा  कर रहे हैं बल्कि लोगों में भक्ति भाव भी पैदा करते हुए समाज सेवा कर रहे है।

एकता-श्रेष्ठता का भाव समाहित करे- बाबा रामदेव

योग गुरू बाबा रामदेव ने कहा कि हमें गुलामी के पद्चिह्नों को छोड़ते हुए आत्म ग्लानि और कुण्ठा से निकलते हुए एकता एवं श्रेष्ठता का भाव समाहित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बापू भारत की सनातन संस्कृति है और उनकी रामकथा और उनका राममय जीवन हमारी संस्कृति के लिए योगदान है।

बापू की प्रेरणा से ही संभव हो पाया : डा. जोशी

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी ने कहा कि 10 वर्ष पूर्व हमें विश्वास नहीं था लेकिन आज बापू की प्रेरणा से विश्वास ने स्वरूप ले लिया है। बापू की प्रेरणा से ही मदन पालीवाल ने यह मूर्ति बनवाई है और बापू मदन पालीवाल को यही आशीर्वाद देंवे कि और ऐसे कार्य करते रहे जिससे नाथद्वारा विश्व पटल पर पहचान बनाता रहे।

विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि दस साल की निरंतर मेहनत व समर्पण से नाथद्वारा में विश्वास स्वरूपम् की स्थापना की गई है। नगरीय विकास मंत्री शान्ति धारीवाल ने कहा कि कड़े परिश्रम से इतनी सुन्दर शिव प्रतिमा का निर्माण नाथद्वारा में किया गया है, जो विश्व की सबसे बड़ी शिव प्रतिमा है। उन्होंने कहा कि नाथद्वारा में विकास कार्यों के लिए किसी प्रकार की कमी नहीं आने दी जाएगी।

369 फीट ऊंची शिव प्रतिमा को बनाने में दस साल लगे और यह इतनी मजबूत है कि 250 किलोमीटर की रफ्तार से तेज हवा चलने और अतिवृष्टि में भी इसे नुकसान नहीं पहुंचेगा।
इसके निर्माता आस्ट्रेलिया और अमेरिका की कंपनी का कहना था कि 2500 साल तक यह प्रतिमा इसी तरह रहेगी।

इस स्थान से मेवाड़ का गौरव बढ़ेगा- कटारिया

प्रतिपक्ष नेता गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि विश्वास स्वरूपम् से इस स्थान को, मेवाड़ को गौरव मिला है। यह बापू के आशीर्वाद से हो रहा है। बापू की कथा और वाणी ने लोगों का जीवन परिवर्तित किया, श्रेष्ठ बनाया। कटारिया ने कहा कि भारत के अतीत को जीवित करने का कठिन कार्य सब मिलकर साकार करें।

इस अवसर पर कृषि मंत्री लालचन्द कटारिया, सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना, गृह राज्य मंत्री राजेन्द्र सिंह यादव, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचन्द कटारिया, राजसमंद सांसद दीया कुमारी, चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी,भीम विधायक सुदर्शन सिंह रावत, राजसमंद विधायक दीप्ति किरण माहेश्वरी, राजस्थान पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़, खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष बृजकिशोर शर्मा भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, सहित देशभर से प्रसिद्ध संत एवं समाजसेवी तथा बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।

दुनिया की 5 सबसे ऊंची शिव प्रतिमाएं

शिव मूर्ति (स्थान) ऊंचाई

विश्वास स्वरूपम,
राजस्थान 369 मीटर
कैलाशनाथ महादेव मंदिर,
नेपाल 143 मीटर
मरूद्वेश्वर मंदिर,
कर्नाटक 123 मीटर
आदियोग मंदिर, तमिलनाडु
112 मीटरमंगल महादेव,
मारीशस 108 मीटर

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