जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार प्रदेश में इंडस्ट्री और रोजगार के लिए इन्वेस्टमेंट लाने के लिए प्रयासरत हैं. इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा देने के लिए पहले भी उधमियों को कई तरह की छूट दे चुके हैं. निवेश को बढ़ावा देने के लिए 2 दिन की ‘इन्वेस्ट राजस्थान समिट’ शुरू हो गया है।
इस समिट में विश्वभर के करीब
3 हजार से ज्यादा उद्योगपति शामिल हो रहे हैं।
दो दिन तक आयोजित होने वाले इस मेगा बिजनेस इवेंट में शामिल होने के लिए अडानी ग्रुप के गौतम अडानी, वेदांता ग्रुप के अनिल अग्रवाल भी पहुंचे
कांग्रेस पार्टी व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निशाने पर हमेशा रहने वाले गौतम अडानी कल राजस्थान में इन्वेस्टमेंट करने के फैसले के बाद चर्चाएं जोरों पर हैं।
समिट उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, हमारे राजस्थान में अकाल सूखे पड़ते थे, शेखावाटी से कई लोग पलायन करके गए थे, जो आज देश दुनिया में अपने उद्योगों से आर्थिक स्थिति में सहयोग कर रहे हैं, हमारे उद्योगपति पूरी दुनिया मे छाए हुए हैं।
उन्होंने वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड के चेयरमैन अनिल अग्रवाल को राजस्थान में सेमीकंडक्टर चिप की इंडस्ट्री लगाने के लिए भी निमंत्रित किया।
अशोक गहलोत ने कहा कि जितने भी एमओयू हुए हैं उन्हें वास्तविकता में बदलने का प्रयास किया जाए।
छूट को बढ़ाकर किया पांच साल
सीएम गहलोत ने कहा कि राजस्थान में इन्वेस्टमेंट बढ़ाने के लिए हमने उद्यमियों को कई तरह की छूट पहले ही दे रखी है पहले हमने बजट में घोषणा करते हुए होटल और टूरिज्म डिपार्टमेंट को उद्योगों में शामिल किया है।
वहीं इंडस्ट्रीज के उद्यमियों के लिए हमने सरकार की ओर से तीन साल तक बिना किसी परमिशन के काम करने की छूट दे रखी थी, उसको हमने अब
5 साल कर दिया है, उसके पश्चात एकल खिड़की के द्वारा एक ही जगह से सभी तरह की परमिशन उद्यमियों को मिल जाएगी।
पहले राजस्थान से लोग करते थे पलायन
सीएम गहलोत ने कहा, गौतम भाई जो गुजरात की बात कर रहे थे अभी, आजादी से पहले से ही गुजरात सक्षम रहा है।
गुजरातियों का माइंड ही व्यापारिक रहा है, इसलिए सक्षम राज्य रहा है, आर्थिक रूप से संपन्न राज्यों में महाराष्ट्र, गुजरात हमेशा रहे हैं। कई बड़े उद्योगपति उस जमाने में भी रहे हैं, बाद में धीरूभाई अंबानी आ गए अब गौतम भाई आ गए, गुजरात का अपना औरा अलग रहा है।
मैं कहना चाहूंगा कि राजस्थान में अकाल-सूखे पड़ते रहे हैं, सदियों से पलायन होता था, यहां से पशुओं के पानी की व्यवस्था करो, रोजगार की व्यवस्था करो, चारे का प्रबंध करो पशुओं के लिए क्या क्या नहीं होता था, मैंने बचपन से देखा है. राजस्थान के लोगों की हिम्मत की दाद देनी चाहिए, आज तो नाम सुनते हैं कि गौतम अडानी का दुनिया के दो अमीर लोगों में आ गया है, बधाई के पात्र हैं आप।
सीएम गहलोत ने आगे कहा कि देश के अधिकतर बड़े घराने राजस्थान से ही हैं और सूखे-अकाल की वजह से राजस्थान से बाहर निकले. उन्होंने कहा, ”हमारी सूखे अकाल की धरती थी, फिर भी देश को बहुत कुछ देने का प्रयास किया। घनश्याम दास बिड़ला जी गांधी जी के सबसे विश्वासपात्रों में से थे, जमनालाल बजाज, जिन्होंने सेवाग्राम आश्रम बनवाया गांधी जी के लिए, राजस्थान शेखावटी के थे।
जितने भी बड़े-बड़े घराने हुए हैं देश के अंदर चाहें वो बिड़ला, बांगड़, पोद्दार, गोयनका, सिंघानिया, अग्रवाल, सभी राजस्थान के शेखावटी थे। अकाल सूखे का मुकाबला करने गए थे, खाली हाथ गए थे और पूरे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया आज भी छाए हुए हैं।
सीएम लॉन्च करेंगे रिप्स-2022
सीएम गहलोत गहलोत और राजस्थान की उद्योग मंत्री शकुंतला रावत ने इंडस्ट्रियल यूनिट, नए इंडस्ट्रियल एरिया का उद्घाटन और राजस्थान इन्वेस्टमेंट प्रमोशन स्कीम-2022 (रिप्स-2022) लॉन्च की JECC परिसर में ही
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विभिन्न क्षेत्रों में अपने उत्कृष्ट व असाधारण कार्यों से देश विदेश में राजस्थान को गौरवान्वित करने वाली 6 विभूतियों को राजस्थान रत्न सम्मान से सम्मानित किया।
इन सभी को प्रशस्ति पत्र, शॉल, मोमेन्टो व 1 लाख रुपये की पुरस्कार राशि से सम्मानित किया गया। इनमें न्याय के क्षेत्र से अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय में नियुक्त न्यायधीश दलवीर भंडारी, भारत के पूर्व मुख्य न्यायधीश आरएम लोढ़ा, उद्योग के क्षेत्र से वेदान्ता ग्रुप के चेयरमेन अनिल अग्रवाल, आर्सेलर मित्तल के चेयरमेन लक्ष्मी निवास मित्तल तथा कला के क्षेत्र में प्रसिद्ध निर्माता केसी मालू व प्रसिद्ध उर्दू शायर शीन काफ निजाम को ‘राजस्थान रत्न’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। सीएम गहलोत ने कहा कि माटी से जुड़ाव रखना और सामाजिक सरोकार में आगे बढ़कर योगदान करना राजस्थान वासियों की संस्कृति और संस्कार में शामिल है। राजस्थान के लोग दुनिया में कहीं भी रहे, उनका अपनी मिट्टी से जुड़ाव बना रहना बहुत ही गर्व की बात है। यह जुड़ाव आगे भी बना रहे। उन्होंने कहा कि देश की आर्थिक स्थिति में प्रवासी राजस्थानी उद्यमियों का बड़ा प्रभाव है।
माटी से जुड़ाव निरंतर बना रहे
राजस्थानी प्रवासी अपनी अगली पीढ़ी को भी राजस्थान लाते रहें, ताकि उनका अपनी माटी से जुड़ाव निरंतर बना रहे। जब भी प्रदेश में अकाल-सूखा पड़ा, तब प्रवासी राजस्थानियों ने खुलकर सहयोग किया। कोरोनाकाल में भी हमनें प्रवासियों से संवाद कर सुख-दुःख बांटा। उन्होंने अपने प्रदेश के लिए विपरीत परिस्थितियों में भी सहयोग किया। राज्य सरकार के द्वार प्रवासी राजस्थानियों के लिए हमेशा खुले हुए हैं। उन्हें यहां उद्योग लगाने में हरसंभव सहयोग किया जाएगा। राजस्थान हर क्षेत्र में तरक्की कर रहा है। यहां अच्छी सड़कें और मजबूत आधारभूत ढांचा है। राज्य सरकार ने उद्योगों और निवेशकों के लिए बेहतरीन योजनाएं शुरू की है। साथ ही, आवश्यक नीतिगत बदलाव किए हैं। इससे निवेश के लिए अनुकूल माहौल बना है। विगत वर्षों में राजस्थान निवेश के लिए पसंदीदा डेस्टिनेशन के रूप में उभरा है।
एनआरआर पॉलिसी और राजस्थान फाउंडेशन की वेबसाइट लॉन्च
मुख्यमंत्री ने सत्र के दौरान पहली नॉन रेजीडेंट राजस्थानी (एनआरआर) पॉलिसी और राजस्थान फाउंडेशन की वेबसाइट को भी लॉन्च किया। मुख्य सचिव उषा शर्मा ने कहा कि राजस्थान के लोग कहीं भी रहें, राजस्थान उनसे दूर नहीं रह सकता। इन्वेस्ट समिट में प्रवासी राजस्थानियों की उपस्थिति उनके मातृभूमि के प्रति प्रेम व समर्पण को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि यह अपने आप में पहला ऐसा इन्वेस्टमेंट समिट है, जिसमें एक भी एमओयू साइन नहीं हो रहा है बल्कि समिट से पहले ही अधिकांश निवेश के एमओयू और एलओआई हस्ताक्षरित हो चुके हैं और 40 प्रतिशत से अधिक एमओयू फलीभूत भी हो चुके हैं। राजस्थान फाउंडेशन के आयुक्त श्री धीरज श्रीवास्तव ने बताया कि समिट में सामाजिक सरोकार से जुड़े करीब 300 करोड़ रुपये के एमओयू हस्ताक्षरित हुए हैं। उन्होंने कहा कि प्रवासी राजस्थानियों ने प्रदेश के इतिहास को पन्नों से बाहर निकालकर विराट स्वरूप प्रदान किया है।
प्रवासी राजस्थानियों ने प्रदेश के विकास को सराहा
राजस्थानी बिजनेस फॉर प्रोफेशनल ग्रुप संयुक्त अरब अमीरात के केसर कोठारी ने कहा कि हमने मातृभूमि से बहुत कुछ लिया है, अब हम अपनी मातृभूमि को देना चाहते हैं। उन्होंने विगत वर्षों में राज्य में आए सामाजिक, आर्थिक और विकासात्मक बदलाव पर भी चर्चा की। श्री सीमेंट के प्रबंध निदेशक श्री हरिमोहन बांगड़ ने कहा कि राजस्थान से जुड़ाव के लिए वर्ष 2000 में स्थापित राजस्थान फाउंडेशन विशाल वृक्ष बन गया है। हर क्षेत्र में राजस्थानियत को बढ़ावा दे रहा है। उन्होंने कहा कि पहले राजस्थान बालू रेत और धूप वाले प्रदेश के रूप में जाना जाता था, लेकिन अब राजस्थान की तस्वीर बदल चुकी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार निवेश में हमारी सबसे बड़ी सहयोगी है और उद्योगों को बढ़ावा दे रही है। इस अवसर पर नारी शक्ति पुरस्कार 2021 से सम्मानित अंतर्राष्ट्रीय स्तर की मांड व भजन गायिका बेगम बैतूल ने ‘सोना री धरती उगै तो चांदी रो आसमान, केसरिया बालम आओ सा पधारो म्हारे देस’।
25 इंडस्ट्रियल एरिया लॉन्च होंगे
इसी के चलते राजस्थान में पहली बार एक साथ 25 रीको इंडस्ट्रियल एरिया लॉन्च किए जाएंगे. शुक्रवार को समिट के पहले दिन राजस्थान के 16 जिलों में 1638 हैक्टेयर में तैयार किए जा रहे ये 25 इंडस्ट्रियल एरिया लॉन्च होंगे. इनमें अलग-अलग इनवेस्टर्स के लिए 5648 प्लॉट्स तैयार किए गए हैं। अब तक आम तौर पर हर साल 5 से 10 रीको के इंडस्ट्रियल एरिया लॉन्च किए जाते हैं, लेकिन इस बार पहली बार 25 इंडस्ट्रियल एरिया लॉन्च होंगे।
कांग्रेस की वर्तमान सरकार में
52 इंडस्ट्रियल एरिया लॉन्च किए गए हैं कालेसरा (अजमेर), बड़ली (अजमेर), फतेहपुरा सामेलिया (भीलवाड़ा), तेजपुर (चितौड़गढ), तूंगा (जयपुर), माथासूला (जयपुर), लोहावट (जोधपुर), चटालिया (जोधपुर), खुड़ियाला (जोधपुर), श्रीनगर (टोंक), बोरखण्ड़ी कला (टोंक), चौसला (टोंक), शाहड़ोद (अलवर), सलारपुर (अलवर), आमली (उदयपुर), कुरज (राजसमंद), बिठन (जालौर), पीपेला रोहिड़ा (सिरोही), सोनियाना (चितौड़गढ), तालाब गांव (बूंदी), बपावर (कोटा), केरवा (जैसलमेर), भणियाना (जैसलमेर), रामा आसपुर (डूंगरपुर), गोल (नागौर) में यह रीको इंडस्ट्रियल एरिया शुरू होंगे।