श्योपुर/मध्य प्रदेश। भारत का 70 साल का इंतजार आज खत्म हुआ। नामीबिया से आए 8 चीतों ने भारत की सरजमीं पर पहला कदम रखा। कूनो नेशनल पार्क में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बॉक्स खोलकर तीन चीतों को क्वारंटीन बाड़े में छोड़ा। यहां प्रधानमंत्री के लिए 10 फीट ऊंचा प्लेटफॉर्मनुमा मंच बनाया गया था। इसी मंच के नीचे पिंजरे में चीते थे। पीएम ने लीवर के जरिए बॉक्स को खोला।
चीते बाहर आते ही अनजान जंगल में थोड़ा सा सहमे भी। इधर-उधर नजरें घुमाई और चहलकदमी करने लगे।
लंबे सफर की थकान साफ दिख रही थी।
चीतों के बाहर आते ही पीएम मोदी ने ताली बजाकर उन चीतों का स्वागत किया।
मोदी ने कुछ फोटो भी क्लिक किए।
500 मीटर चलकर मोदी मंच पर पहुंचे थे। उनके साथ मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी थे। उन्होंने चीता मित्र दल के सदस्यों से भी बात की।
आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन भी है।
72 साल पहले आज ही के दिन, यानी 17 सितंबर 1950 को नरेंद्र मोदी का जन्म हुआ।
गुजरात की राजधानी गांधीनगर से 73 किलोमीटर दूर मेहसाणा जिला के वडनगर में वो पैदा हुए।
7 अक्टूबर 2001 को 51 साल की उम्र में बिना विधायक बने ही नरेंद्र मोदी गुजरात के 14वें मुख्यमंत्री बने।
4 महीने बाद फरवरी 2002 में राजकोट-2 विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में पहली बार विधायक चुने गए।
22 सालों में 14 साल वे गुजरात के मुख्यमंत्री रहे और अब 8 साल से लगातार गैर-कांग्रेसी देश के पहले प्रधानमंत्री हैं।
पीएम नरेंद्र मोदी विकास का मॉडल लेकर देश की सत्ता में आए थे। जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब भी विकास की ही बात करते थे। पीएम बनने के बाद भी वे देशवासियों को कुछ न कुछ नया देते रहे है।
मोदी के भाषण की प्रमुख बातें…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नामीबिया का आभार माना। उन्होंने कहा- हमने उस समय को भी देखा, जब प्रकृति के दोहन को शक्ति प्रदर्शन का प्रतीक मान लिया गया था। 1947 में जब देश में केवल तीन चीते बचे थे, तो उनका भी शिकार कर लिया गया।
ये दुर्भाग्य रहा कि 1952 में हमने चीतों को विलुप्त तो घोषित कर दिया, लेकिन उनके पुनर्वास के लिए दशकों तक सार्थक प्रयास नहीं किए।
आज आजादी के अमृत काल में अब देश नई ऊर्जा के साथ चीतों के पुनर्वास के लिए जुट गया है।
चीतों को खास पिंजरों में लाया गया
शनिवार सुबह 7.55 बजे नामीबिया से स्पेशल चार्टर्ड कारगो फ्लाइट 8 चीतों को भारत लेकर आई। 24 लोगों की टीम के साथ चीते ग्वालियर एयरबेस पर उतरे। यहां उनका रुटीन चेकअप हुआ। चीतों के साथ नामीबिया के वेटरनरी डॉक्टर एना बस्टो भी आए हैं। नामीबिया से चीतों को खास तरह के पिंजरों में लाया गया। लकड़ी के बने इन पिंजरों में हवा के लिए कई गोलाकार छेद किए गए हैं। ग्वालियर एयरबेस से चिनूक हेलिकॉप्टर के जरिए चीतों को कूनो नेशनल पार्क लाया गया।
ग्वालियर एयरपोर्ट पर सीएम ने किया पीएम को रिसीव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कूनो जाने से पहले विशेष विमान से दिल्ली से ग्वालियर पहुंचे। यहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा और राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने उन्हें रिसीव किया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, मप्र के लिए इससे बड़ा कोई तोहफा नहीं।
देश में चीते विलुप्त हो गए थे और इन्हें फिर से बसाना एक ऐतिहासिक कदम है। यह इस सदी की सबसे बड़ी वन्यजीव घटना है। इससे मध्यप्रदेश में पर्यटन को तेजी से बढ़ावा मिलेगा।